पता नहीं क्या है?

चेहरा क्या है?
धोखा है,
और इस धोखे पे,
पूरी दुनिया फ़िदा है.

सबने ओढ़ रखे हैं,
चेहरों पर चेहरे,
असली चेहरा न जाने,
कहाँ छुपा है?

हर चेहरे पर,
दो नज़र गड़ी हैं,
इन नज़रों में भी,
गज़ब का धोखा है.

हर नज़र धोखे में हैं,
और हर चेहरा धोखा है.

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