चाँद की कोशिश

आसमां ने चहरे पर पोत रखी है कालिख, 
और चाँद कोशिश में है उसे साफ़ करने,
सुबह ये कोशिश रंग लायेगी,
जब सूरज फ़लक पर खिल आएगा...

Labels: