न होने से कुछ होना अच्छा...
गलतफ़हमी है, तो वो ही सही!
मैं गर कुछ बोलूं, तो गलत बात है,
अगर है, तो वो ही सही !
तेरे मिलने से, न मिलना अच्छा...
मुझे तकलीफ़ है, तो वो ही सही!
मैं गर मिलना चाहूँ, तो गलत बात है,
अगर है, तो वो ही सही!
चार किताब पढ़के, वो बन गया अच्छा...
पर रह गया वहशी, तो वो ही सही!
मैं गर शफ्क़त* हो जाऊँ, तो गलत बात है,
अगर है, तो वो ही सही!
*इंसान/इंसानियत
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