तुम्हारी छठी बरसी


ये तुम्हारा प्यार नहीं तो और क्या है,
कि जिस दिन तुम गए,
उस दिन को भी,
बरसों बाद,
यादगार बनाने के लिए,
तुमने छेड़ रक्खे हैं शगूफ़े,
मैं पेशो-पेश में हूँ कि,
आज की खुशी मनाऊं,
या बरसों पहले के तुम्हारे जाने का गम,
यकीन से कहता हूँ कि,
अपने छोटे भाई को,
ऐसी मुश्किल में डालकर,
तुम मुस्कुराते ज़रूर होगे...है न भैय्याजी!

In the memory of Late Mr. Pushphar Singh Surya "My elder brother" 
(30 June 1983- 8 December 2006)

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