मन तो करता है कि,
अपने अल्फ़ाज़ों को,
शहद में भिगोकर,
उस पर मिश्री के दाने छिड़ककर,
कागज़ पर लिख दूं,
साल २०१३ की आप सबको शुभकामनायें,
फिर लगता है कि,
ज़्यादा मीठा चखने से,
काग़ज़ के दांत खराब हो गए,
तो इसकी ज़िम्मेदारी आप लेंगे???
इसलिए,
सादी शुभकामनायें लिख रहा हूँ,
२०१३ के लिए...
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