धूप में कुछ चीज़ें
तपते-तपते सख्त हो जाती हैं
कुछ नर्म तो कुछ
फीकी पड़ जाती हैं,
मई के इस महीने में
छत पर सूखती कैरी
मटमैली पड़ गयी हैं
अब ये साल भर तरी
में खट्टापन देती रहेंगी
वैसे जून का एक अधूरा
वादा भी
पिछले साल से
पड़ा-पड़ा तप रहा है,
हमारे रिश्ते में ये
अधूरा वादा
कुछ खटास लेकर ज़रूर आयेगा
चलो अच्छा है!
बरसों के बेमज़ा इस
रिश्ते में
कोई स्वाद तो आयेगा...