मेरी ख़ामोशी
जिसके पास कहने को बहुत होता है,
वो अक्सर किसी कोने में चुप सा,
छुपा सा बैठा होता है,
शायद ये सोचकर,
कि इसी में सबकी भलाई है।
Labels:
chakresh surya nazm
,
chakresh surya poem
,
Hindi Nazm
,
hindi poem
,
Hindi Poetry
,
Silence