Dear Madam,
मैं आज भी आपकी तस्वीर देखकर हँस देता हूँ
ये सोचकर कि उस वक़्त
जब इश्क़ जैसी राहत
मेरी समझ से बाहर थी
न जाने आपको देखकर
कैसे इक बार में ही समझ आ गई
मैंने कभी आपसे कुछ भी नहीं कहा था
और आपको भी मेरी सारी बातें
न जाने कैसे समझ आ गईं
फिर भी ये समझ किसी काम न आई
क्योंकि हम दोनों ही
दुनिया की समझ से बाहर जो हो गए थे...
ख़ैर, जो भी हुआ
उसमें हमने
हम दोनों के अलावा भी
बहुत कुछ खो दिया था
जैसे मैंने आपका भरोसा
और आपने अपनापन
मुझे नहीं पता कि ज़िन्दगी में
बहुत कुछ हासिल कर भी लिया तो
क्या दुबारा ये हासिल कर पाउँगा
जो कुछ थोड़ा सा
पहले कभी खो दिया है?
आपको क्या लगता है
बताना ज़रूर
Yours
Stupid Student
P.S. सर से कहना कि मेरे टेस्ट पर सवाल न उठाएँ.. मैं तब भी बच्चा नहीं था और अब भी नहीं हूँ।
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