मिलना

सिर्फ़ आमने-सामने बैठने को
और बैठकर बात करने को
मिलना नहीं कहते
मिलने के लिए बहुत ज़रूरी है
आत्मसमर्पण कर देना
जैसा अपराधी करते हैं
सारे हथियार डालकर
निहत्थे हो जाना
बिल्कुल वैसा
अपने एक-एक गुनाह को
कबूल करना
जो हमने कभी किये थे
अपने
हाथों
आँखों
और विचारों से।


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